भगवान्श्रीकृष्णकीदिव्यवाणीसेनि:सृतसर्वशास्त्रमयीगीताकीविश्वमान्यमहत्ताकोदृष्टिïमेंरखकरइसअमरसंदेशकोजन-जनतकपहुँचानेकेउद्देश्यसेगीताप्रेसकेआदिसंस्थापकपरमश्रद्धेयब्रह्मïलीनश्रीजयदयालजीगोयन्दकाद्वाराप्रणीतगीताकीएकदिव्यटीका।इसमें२५१५प्रश्नऔरउनकेउत्तरकेरूपमेंप्रश्नोत्तरशैलीमेंगीताकेश्लोकोंकीविस्तृतव्याख्याकेसाथअनेकगूढ़रहस्योंकासरल,,सुबोधभाषामेंसुन्दरप्रतिपादनकियागयाहै।इसकेस्वाध्यायसेसामान्य-से-सामान्यव्यक्तिभीगीताकेरहस्योंकोआसानीसेहृदयंगमकरअपनेजीवनकोधन्यकरसकताहै।
श्रीमद्भगवद्गीता तत्वविवेचनी बृहदाकार(Shrimadbhagvad Gita Tatvavivechani brihadakaar)
₹400.00
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Book code | 0001 |
Pages | 776 |
Author | Shri Jayadayal Goyandka (श्री जयदयाल गोयन्दका) |
Language | Hindi,हिन्दी |
Book Type | बृहदाकार,Brihadakar |
Additional information
Dimensions | 27.03 × 36.4 cm |
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